हाल-ए-बॉलीवुड: 2025 के पहले तीन महीनो में बॉक्स ऑफिस का हाल
ओटीटी की तरफ़ दर्शकों के बढ़ते रुझान ने बॉलीवुड (Bollywood) फ़िल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन (Box Office Collection) को भारी नुक़सान पहुंचाया है। हाल ये है कि पिछले तीन महीनो में मात्र एक ही हिन्दी फ़िल्म सफ़लता का स्वाद चख़ पायी और दर्शकों के दिलों पर राज करने में क़ामयाब हो सकी। आईये नज़र डालते है 2025 के पहले तीन महीनो में कैसा रहा बॉलीवुड फ़िल्मों का हाल –
नहीं चमक सके ‘स्टार किड्स’
एक तरफ़ रवीना टंडन (Raveena Tandon) की बेटी राशा थदानी (Rasha Thadani), तो दूसरी तरफ़ अजय देवगन (Ajay Devgn) के भतीजे अमान देवगन (Aaman Devgan) – स्टार किड्स की लॉन्चिंग वाली इस फ़िल्म से ज़्यादा उम्मीदें इसलिए भी थी क्योकि निर्देशन की कमान रॉक ऑन, काई पो चे और केदारनाथ जैसी उम्दा फिल्मे बनाने वाले अभिषेक कपूर (Abhishek Kapoor) के हाथ में थी, लेकिन आज़ाद (Azaad) का हश्र बॉक्स ऑफिस बुरा हुआ। ना तो ये फ़िल्म क्रिटिक को पसंद आयी और ना ही दर्शकों को, राशा पर फिल्माया गया गाना ‘उई अम्मा’ ने जरूर धूम मचाई।
अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और सारा अली खान (Sara Ali Khan) जैसे सितारों के साथ बड़े बजट की फ़िल्म ‘स्काई फाॅर्स’ (Sky Force) में डेब्यू हुआ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशिल कुमार शिंदे के नाती वीर पहाड़िया (Veer Pahariya) का। फ़िल्म का बजट ही इतना ज़्यादा था की 130 करोड़ की कमाई के बावजूद ये फ़िल्म हिट नहीं मानी जा सकती।
श्रीदेवी (Sridevi) और बोनी कपूर (Boney Kapoor) की छोटी बेटी ख़ुशी कपूर (Khushi Kapoor) और आमिर खान (Amir Khan) के बेटे जुनैद खान (Junaid Khan) की रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म ‘लवयापा’ (Loveyapa) भी बॉक्स ऑफिस पर धुल चाटती नज़र आयी।
बड़े सितारों का भी नहीं चला जादू
जिस फ़िल्म के साथ किसी बड़े सितारे का नाम जुड़ जाता है, तो उससे बड़ी उम्मीदें रखना लाज्मी सा हो जाता है। 2025 की पहली तिमाही में भी बॉलीवुड के मंझे हुए धुरंधर अपनी फ़िल्मों के साथ मैदान में उतरे लेकिन टीक नहीं पाए।
सोनू सूद (Sonu Sood) और जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) की ‘फ़तेह’ (Fateh), शहीद कपूर (Shahid Kapoor) की फ़िल्म ‘देवा’ (Deva), हिमेश रेशमिया (Himesh Reshamiya) की कमबैक फ़िल्म ‘बैडएस रवि कुमार’ (Badass Ravi Kumar), अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor), राकुलप्रीत सिंह (Rakulpreet Singh) और भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) वाली ‘मेरे हस्बैंड की बीवी’ (Mere Husband Ki Biwi) जैसी बड़े सितारों से सजी फिल्मे एक के बाद एक लगातार फ्लॉप साबित हुयी। ना तो इन्हे दर्शकों का प्यार मिल सका और ना ही फ़िल्म समीक्षकों से वाहवाही।
इस लिस्ट में सबसे ऊपर दो नाम आते है – कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की बहुचर्चित फ़िल्म ‘इमरजेंसी’ (Emergency) और सलमान खान (Salman Khan) की ‘सिकंदर’ (Sikandar)। लम्बे इंतज़ार और जद्दोजहद के बाद कंगना की फ़िल्म इमरजेंसी सिनेमाघरों तक तो पहुंच गयी लेकिन अफ़सोस कि भारत की पहली और एक मात्र महिला प्रधानमंत्री के जीवन पर बनी इस फ़िल्म में दर्शकों ने कोई रूचि नहीं दिखायी। फ़िल्म के प्रमोशन के दौरान एक इंटरव्यू में खुद कंगना रनौत ने एलान कर दिया है कि वो अब राजनीति से जुड़े मुद्दों पर कभी कोई फ़िल्म नहीं बनाएगी।
अब बात करते है बॉलीवुड के भाई सलमान खान की, जिन्होंने ईद के तोहफे के रूप में अपनी फ़िल्म ‘सिकंदर’ रिलीज़ तो की लेकिन दर्शकों को ये तोहफा कुछ खास पसंद नहीं आया। फ़िल्म का हश्र वही हुआ जो सलमान की पिछली कुछ फ़िल्मों का हो रहा है।
नयी से भली पुरानी फिल्में
उन फ़िल्म निर्माताओं के लिए ये एक सुनहरा दौर है जिनकी फ़िल्मों को दर्शकों और क्रिटिक से प्यार तो भरपूर मिला था लेकिन किसी कारणवश वो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा कमाई नहीं कर पायी थी। ऐसे में री-रिलीज़ के जरिये निर्माता एक बार फ़िर अपनी किस्मत आजमा रहे है। ‘सनम तेरी कसम’ (Sanam Teri Kasam) की सफ़लता इसका प्रमाण है कि री-रिलीज़ जरिये निर्माता अपना डूबा हुआ पैसा फ़िर से वसूल सकते है। पहले ‘तुम्बाड़’ (Tumbbad) और अब सनम तेरी कसम की री-रिलीज़ सफ़लता से अच्छी फिल्में बनाने के लिए निर्माताओं को हिम्मत मिली है।
इसके अलावा रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और दीपिका पादुकोणे (Deepika Padukone) की सुपर हिट फ़िल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ (Yeh Jawaani Hai Deewani) की री-रिलीज़ ने भी बॉक्स ऑफिस पर जम के पैसे कमाए और नयी रिलीज़ हुयी फ़िल्मों को कड़ी चुनौती दी।
सरताज – छावा
छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर केंद्रित फ़िल्म छावा (Chhaava) ने रिलीज़ होते ही बॉक्स ऑफिस पर आग लगा दी। चाहे पुराने रिकॉर्ड तोडना हो या फ़िर नए रिकॉर्ड बनाने हो, विक्की कौशल (Vicky Kaushal), रश्मिका (Rashmika Mandanna) और अक्षय खन्ना (Akshaye Khanna) की फ़िल्म छावा ने बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी का जो ढंका बजाया है उसकी गूँज हर अवार्ड फंक्शन में सुनाई देने वाली है। बेहतरीन फ़िल्मों के लिए हमारे देश में कदरदानों की कमी नहीं है, लेकिन आजकल स्क्रिप्ट से ज़्यादा बड़े चेहरों को तवज्जो दी जा रही है। लेकिन ओटीटी के आने से अब पासा पलटता नज़र आ रहा है, अब दर्शकों को सिनेमाघरों तक खिंच कर लाने के लिए दमदार स्क्रिप्ट और उम्दा फ़िल्म का होना अति आवश्यक हो चला है।
2025 में अब तक रिलीज़ हुयी कौनसी फ़िल्म आपको पसंद आयी, अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिखिए। आप हमे सोशल मीडिया पर भी फॉलो कर सकते –